Singham Again: How starry cameos elevate Rohit Shetty’s film- कैसे स्टारी कैमियो रोहित शेट्टी की फिल्म को और बेहतर बनाते हैं
सिंघम: क्यों 2011 में अजय देवगन के इस पुलिसवाले ने दर्शकों को हैरान नहीं किया?
जब सिंघम 2011 में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुआ, जिसमें अजय देवगन ने बाजीराव सिंघम का किरदार निभाया, तो दर्शकों को ज्यादा हैरानी नहीं हुई। आखिरकार, अजय देवगन पहले भी कई फिल्मों में पुलिस का किरदार निभा चुके थे, जैसे *गंगाजल* और *इंसान* में। तो फिर इस बार ऐसा क्या था जो सिंघम को इतना खास बनाता था?
सिंघम का असल जादू
पहले के पुलिस किरदारों में, अजय देवगन ने जिन पुलिसवालों को निभाया था, वे आम तौर पर आंतरिक संघर्षों और जटिल परिस्थितियों का सामना कर रहे होते थे। लेकिन *सिंघम* में हमें एक ऐसा पुलिसवाला मिला जो न केवल ईमानदार था, बल्कि अपने सिद्धांतों के लिए किसी भी हद तक जा सकता था। बाजीराव सिंघम सिर्फ कानून के रखवाले नहीं थे, वह एक ऐसे आदमी थे जिनकी एक अपनी पहचान थी — सच्चे, निडर और अपनी नैतिकता से प्रेरित।
जहां बाकी बॉलीवुड के पुलिसवाले अक्सर बड़े-बड़े संवादों और हथियारों का इस्तेमाल करते हैं, वहीं सिंघम का सबसे खतरनाक हथियार था उसकी बेल्ट। वो बेल्ट सिर्फ एक प्रॉप नहीं थी; वह उसके ताकत और न्याय की प्रतीक थी। सिंघम ने यह साबित किया कि एक पुलिसवाले को अपनी शक्ति दिखाने के लिए किसी भी अत्याधुनिक उपकरण की जरूरत नहीं होती।
एक आदमी की लड़ाई
सिंघम में जो बात सबसे अलग थी, वह थी उसकी “एक आदमी की सेना” वाली छवि। सिंघम अकेले ही भ्रष्टाचार, अपराध और अव्यवस्था के खिलाफ खड़ा था। उसे न किसी गैंग की मदद चाहिए थी, न किसी तकनीकी उपकरण की। उसकी ताकत थी उसकी आंतरिक शक्ति, उसका न्याय के प्रति अडिग विश्वास और उसकी शारीरिक क्षमता। यह एक ऐसा किरदार था जिसे देखना दर्शकों को बहुत प्रभावित करता था।
लेकिन फिर, *सिंघम रिटर्न्स* (2014) में कहानी और ज़्यादा व्यापक हो जाती है, और सिंघम खुद को एक बहुत बड़े और जटिल अपराध नेटवर्क के खिलाफ लड़ते हुए पाता है। यही वह पल था जब रोहित शेट्टी ने अपनी फिल्मी दुनिया का विस्तार करना शुरू किया।
‘कॉप यूनिवर्स’ की ज़रूरत
सिंघम रिटर्न्स* के बाद, फिल्म में एक “कॉप यूनिवर्स” बनाने का निर्णय लिया गया। सिंघम को अब अकेले अपनी पत्नी को बचाने के लिए ज़ुबैर हाफीज (अर्जुन कपूर द्वारा निभाया गया) जैसे खतरनाक दुश्मन के खिलाफ पूरी पुलिस टीम की जरूरत थी। यह बदलाव ज़रूरी था, क्योंकि सिंघम अब अकेले नहीं, बल्कि एक बड़े अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल था।
रोहित शेट्टी की फिल्मों में यही बात खास होती है। उनका कॉप यूनिवर्स न केवल सिंघम तक सीमित था, बल्कि इसमें अक्षय कुमार का *सूर्यवंशी* और *गोलमाल* जैसी फिल्मों का भी विस्तार था। ये एक साझा ब्रह्मांड था, जहां अलग-अलग पुलिसवाले एक साथ मिलकर सिस्टम से लड़ते थे।
बड़ा बदलाव: अकेला पुलिसवाला और एक टीम
जब सिंघम की पत्नी को ज़ुबैर हाफीज ने किडनैप किया, तो यह कहानी ने एक बड़ा मोड़ लिया। सिंघम को अब अकेले अपनी ताकत और बेल्ट पर निर्भर होने की बजाय, पूरी पुलिस टीम के साथ मिलकर अपराध के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा। इसका मतलब था कि सिनेमाई दृष्टिकोण से अब एक अकेला सुपरहीरो नहीं, बल्कि एक बड़ा “कॉप यूनिवर्स” काम कर रहा था, जिसमें हर किरदार की अपनी अहमियत थी। यह एक बड़ा बदलाव था — और यही बदलाव आजकल के बड़े सिनेमाई ब्रह्मांडों (जैसे मार्वल या डीसी यूनिवर्स) में हम देख रहे हैं।
निष्कर्ष
सिंघम की सफलता में उसकी एक्शन और संवादों से ज्यादा उसकी नैतिकता और सिद्धांतों का बड़ा हाथ था। एक ऐसा पुलिसवाला जो न केवल अपराध से लड़ता था, बल्कि न्याय के लिए अपनी जान जोखिम में डालने से नहीं डरता था। उसकी बेल्ट एक प्रतीक बन गई, और यही कारण था कि *सिंघम* को इतना पसंद किया गया।
जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ी, कहानी और भी जटिल होती गई। एक अकेले आदमी की लड़ाई अब एक पूरी पुलिस यूनिट की लड़ाई बन गई, और यही बदलाव सिंघम को एक कॉप यूनिवर्स में बदलने की दिशा में एक कदम था। इसलिए, सिंघम की कहानी सिर्फ एक फिल्म नहीं रही, बल्कि एक ऐसी दुनिया बन गई, जिसमें हम अपने पुलिसवाले हीरो को एक अलग ही अंदाज में देख सकते हैं।
HERE IS THE MOVIE TRAILER https://youtu.be/DovbhJavvfU
Singham Again: कैसे रोहित शेट्टी ने कैमियो के जरिए अपने ‘कॉप यूनिवर्स’ को और बड़ा किया
रोहित शेट्टी ने सिंघम अगेन को सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सिनेमाई महाकाव्य (magnum opus) बना दिया। इस बार शेट्टी ने अपने कॉप-वर्स का विस्तार करते हुए न सिर्फ अजय देवगन के बाजीराव सिंघम को वापस लाया, बल्कि फिल्म को एक बड़े प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल किया ताकि वह अपनी और भी कई चर्चित पुलिस वाले किरदारों को स्क्रीन पर ला सकें। दीपिका पादुकोण को शाक्ति शेट्टी और टाइगर श्रॉफ को एसीपी सत्य के रूप में पेश किया गया, और सबसे खास बात, सलमान खान का चुलबुल पांडे भी अब रोहित शेट्टी के इस पुलिस जगत का हिस्सा बन चुका है।
कैमियो से बड़ा होता हुआ कहानी का दायरा
सिंघम अगेन के ड्रामा में जो सबसे दिलचस्प बात है, वह है इसकी कैमियो कास्ट। फिल्म में कई जबरदस्त कैमियो होते हैं, जो न केवल दर्शकों को सरप्राइज देते हैं, बल्कि फिल्म की मुख्य कहानी को भी आगे बढ़ाने का काम करते हैं। यह कैमियो इतने प्रभावी तरीके से फिल्म में शामिल किए गए हैं कि उन्हें फिल्म के प्रमुख प्लॉट का हिस्सा मानना गलत नहीं होगा।
दीपिका पादुकोण की एंट्री: लेडी सिंघम
फिल्म की शुरुआत में ही दीपिका पादुकोण की एंट्री होती है, और उनका किरदार शाक्ति शेट्टी एक तरह से देवगन के सिंघम और रणवीर सिंह के सिम्बा का कंबीनेशन है। दीपिका ने न सिर्फ अपनी दमदार एक्टिंग से फिल्म में ताजगी लाई, बल्कि अपने एक्शन और सस्सी संवादों से अपने किरदार को बेहद आकर्षक बना दिया। शाक्ति शेट्टी का किरदार अपने में एक पूरी नई ताकत और ऊर्जा लेकर आया, जो पहले आधे हिस्से में दर्शकों का ध्यान आकर्षित करता है और फिल्म की गति को तेज करता है।
टाइगर श्रॉफ: एक्शन से भरपूर एंट्री
इसके बाद आता है टाइगर श्रॉफ का एसीपी सत्य का किरदार। टाइगर ने फिल्म में अपनी सिग्नेचर स्मूथ एक्शन सीक्वेंसेस से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनका एक्शन, जो उनकी फिजिकल फिटनेस और लचीलापन को दिखाता है, फिल्म में एक नई रफ्तार और टेंशन जोड़ता है। वह पहले हाफ में फिल्म के एक्शन को संभालते हैं, और उनका किरदार फिल्म की ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे बाकी कैरेक्टर्स के लिए मंच तैयार होता है।
सलमान खान का चुलबुल पांडे: एक धमाकेदार कैमियो
लेकिन सबसे बड़ी खबर तो ये थी कि सलमान खान का चुलबुल पांडे अब रोहित शेट्टी के कॉप-यूनिवर्स का हिस्सा बन गया है। उनकी एंट्री न सिर्फ एक ट्रीट थी, बल्कि एक तरह से यह घोषणा भी थी कि शेट्टी के कॉप-यूनिवर्स में अब चुलबुल पांडे भी एक अहम किरदार होंगे। सलमान का एंट्री सीन निश्चित रूप से दर्शकों के लिए एक सरप्राइज था, और यह शेट्टी के बढ़ते हुए ब्रह्मांड का संकेत भी था। इस कैमियो ने पूरी फिल्म को और भी रोमांचक बना दिया, क्योंकि दर्शक अब यह सोचने लगे कि आने वाले समय में यह सभी पुलिसवाले एक साथ एक मिशन पर होंगे।
सिंघम का कमबैक: जब सब कुछ खत्म हो चुका हो
अब सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर अजय देवगन का सिंघम इस फिल्म में कब और कैसे आता है। दिलचस्प बात यह है कि सिंघम की एंट्री फिल्म के अंत में होती है, जब पहले ही सारे बड़े एक्शन सीक्वेंसेस हो चुके होते हैं। इस समय सिंघम के पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं बचा होता। वह आता है, एक तरह से “सब कुछ ठीक है” की स्थिति में, और एक बार फिर अपनी उपस्थिति से यह साबित करता है कि वह इस ब्रह्मांड का सबसे ताकतवर पुलिसवाला है।
सिंघम की एंट्री फिल्म के बाकी किरदारों के एक्शन और ड्रामा को कवर करने के बाद होती है, और इसका मकसद इस कॉप-यूनिवर्स के भीतर सिंघम की भूमिका को ही मजबूत करना है। इससे यह भी दर्शाया जाता है कि, भले ही सिंघम अपने तरीकों में अलग है, लेकिन जब बात बड़े अपराध और भ्रष्टाचार की होती है, तो पूरी पुलिस टीम एक साथ आकर काम करती है।
निष्कर्ष: कैमियो के जरिए विस्तार और एंटरटेनमेंट का तड़का
सिंघम अगेन सिर्फ एक फिल्म नहीं है; यह रोहित शेट्टी के कॉप-यूनिवर्स का विस्तार है। कैमियो के जरिए शेट्टी ने न केवल अपनी फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाया, बल्कि इसे और भी रोमांचक और एंटरटेनिंग बना दिया। दीपिका पादुकोण, टाइगर श्रॉफ और सलमान खान जैसे बड़े सितारे इस फिल्म का हिस्सा बने, जिन्होंने दर्शकों को न केवल सरप्राइज किया, बल्कि इस विशाल ब्रह्मांड के प्रति उनकी उत्सुकता और बढ़ा दी।
कुल मिलाकर, सिंघम अगेन एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे कैमियो और स्टार कास्ट को सही तरीके से फिल्म में शामिल करके उसे और भी बड़ा और रोमांचक बनाया जा सकता है। यह शेट्टी के सिनेमाई ब्रह्मांड का एक और मजबूत कदम है, जो आने वाले समय में और भी दिलचस्प होने वाला है।
ब दूसरा भाग. आधे घंटे से भी कम समय में, रणवीर सिंह की सिम्बा का उनकी सामान्य 'आया पुलिस' वाली एंट्री और चुटकुलों के साथ फ्रेम में स्वागत किया जाता है। ढिशूम ढिशूम खत्म होने के बाद ही बाजीराव सिंघम की एंट्री होती है। सूर्यवंशी के रूप में अक्षय कुमार प्रवेश करने वाले अंतिम व्यक्ति हैं। चरमोत्कर्ष पुलिस की अधिकता है और इसमें पुलिस-कविता के सभी सितारे एक साथ शामिल हैं।
ये कैमियो भूमिकाएँ एक क्रॉसओवर प्रभाव पैदा करती हैं जो प्रशंसक जुड़ाव को बढ़ाती हैं और प्रत्येक अभिनेता के विशिष्ट प्रशंसक आधार का लाभ उठाती हैं, जिससे फिल्म दर्शकों के लिए एक घटना जैसा अनुभव बन जाती है; हॉलीवुड का मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स कैसे काम करता है।
इन कैमियो का असर व्यावसायिक भी है. यह रणनीति संभावित रूप से बॉक्स ऑफिस पर अधिक मतदान का कारण बन सकती है क्योंकि प्रत्येक स्टार के प्रशंसक - चाहे अजय देवगन, सलमान खान, या अक्षय कुमार - अपने पसंदीदा नायकों को एक साथ देखने के वादे के साथ फिल्म की ओर आकर्षित होते हैं।